घरेली घरती पर दो सालो से अजय और उपमहाद्वीप
की शीर्ष टीम इंडिया आज से केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रहे पहले
टेस्ट मैच के साथ साल 2018 की शुरूआत करेगी। बेशक भारतीय टीम ने 2017 में
चमत्कारिक प्रदर्शन किया है लेकिन 2018 पिछली साल के मुकाबले पूरी तरह से अलग होने
बाला है। इस सल विदेशी सरजमीं पर भारत को 12 टेस्ट मैच
खेलने हैं। ये 12 टेस्ट भारत को बड़ी टीमों के खिलाफ खेलने हैं। भारत के कड़े 2018-19 सत्र की
शुरुआत दक्षिण अफ्रीका दौरे से होगी, जबकि इसके
बाद उसे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के कठिन दौरों पर भी जाना है।
फिलहाल भारत के सामने साउथ अफ्रीका में पिछली 6 टेस्ट सीरीज में न जीत पाने के सूखे को
खत्म करने की चुनौती है। इसके लिये विराट ब्रिगेड कल से शुरू हो रहे पहले टेस्ट
में दो-दो हाथ करने को तैयार है। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजे शुरू होगा।
दक्षिण अफ्रीका में भारत का रिकॉर्ड काफी खराब है, जहां उसने 6 में से 5 सीरीज
गंवाई हैं, जबकि एक ड्रॉ रही।
भारत ने 1992 से दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर अबतक
कुल 17 टेस्ट खेले हैं। इनमे से भारत नें सिर्फ दो में जीत दर्ज की है। टीम ने एक
जीत राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में जबकि एक महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में दर्ज
की। भारत ने
हालांकि पिछले दो दौरों पर दक्षिण अफ्रीका में बेहतर प्रदर्शन किया है। टीम ने 2010-11 में सीरीज
ड्रॉ कराई, जबकि 2013-14 में उसे
कड़ी टक्कर दी। हालाकि भारत को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार भारत का तेज गेंदबाजी
आक्रमण मजबूत है, जो किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में सक्षम है।
यह सत्र भारतीय कप्तान विराट कोहली और
उनके खिलाड़ियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जिनके
सामने विदेशी सरजमीं पर भारत के प्रदर्शन में सुधार करने की चुनौती है। इसके लिए
भारतीय टीम अपने तेज गेंदबाजों पर काफी निर्भर करेगी। टेस्ट रैंकिग में दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने दूसरे
स्थान की टीम दक्षिण अफ्रीका पर मजबूत बढ़त बना रखी है और अगर टीम को टेस्ट सीरीज
में 0-3 से
क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ता है, तो भी वह अपनी
शीर्ष रैंकिंग नहीं गंवाएगी।
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