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Thursday, September 28, 2017

बेंगलुरु में चमके कंगारू, 13 मैचों बाद विदेश में जीते

बेंगलुरु में खेले गए सीरीज के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 21 रनों से हरा दिया है। हालांकि टीम इंडिया पहले ही सीरीज अपने नाम कर चुकी है। विदेशी धरती पर ऑस्ट्रेलिया की टीम को 13 मैचों के बाद जीत मिली है जबकि भारत को 9 मैचों के बाद पहली हार मिली है। करियर का 100वां मैच खेल रहे डेविड वार्नर ने शानदार 124 रन बनाए जबकि आरोन फिंच सीरीज में लगातार दूसरे शतक से महज 6 रन से चूक गए। वार्नर को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन आफ द मैच चुना गया।

बेंगलुरु में जब भारतीय टीम मैदान पर उतरी तो जीत का दावेदार उसे ही माना जा रहा था लेकिन टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम ने शुरू से ही मैच पर अपनी पकड़ बना ली और मैच को सही अंजाम  पर ले जाकर खत्म किया। ऑस्ट्रेलिया के दोनोँ ओपनरों ने पहले विकेट के लिए 231 रनों की साझेदारी की। आरोन फिंच (94) अपने लगातार दूसरे शतक से चूक गए लेकिन करियर का 100वां मैच खेल रहे डेविड वार्नर (124) ने एकदिवसीय मैचों में अपना 14वां जबकि भारत के खिलाफ दूसरा शतक पूरा किया। 231 के कुल योग पर दोनों के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया लड़खड़ाने लगी। कप्तान स्टीव स्मिथ 3 रन बनाकर आउट हो गए। उसके बाद ट्रेविस हेड (29) और पीटर हैंड्सकॉम्ब (43) ने पारी को संभालते हुए चौथे विकेट के लिये 63 रन जोड़े और टीम का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया। अंत मे स्टोनिस (9 गेंदों में 15 रन) की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में 334 रन बनाए। भारत के लिए उमेश यादव ने 71 रन देकर 4 विकेट जबकि केदार जाधव ने 38 रन देकर 1 विकेट हासिल किया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत भी शानदार रही। पहले विकेट के लिए अजिंक्या रहाणे (53) और रोहित शर्मा (65) ने 18.2 ओवरों में 106 रनों की साझेदारी की। 135 रनों के कुल योग पर रोहित शर्मा रनआउट हो गए जबकि 21 रन बनाकर विराट कोहली भी पवेलियन लौट गए। टीम पर आए हार के संकट को दूर करने की जिम्मेदारी संकटमोचक हार्दिक पंड्या (41) और केदार जाधव (41) ने उठायी लेकिन रनगति बढ़ाने के चक्कर मे हार्दिक पंड्या अपना विकेट गंवा बैठे। अंत में मनीष पांडे (33) और धोनी (13) ने जिम्मेदारी संभालने की कोशिश की लेकिन गेंद और रन के अंतर को कम करने के चक्कर मे दोनों ही आउट होकर वापस लौट गए। अंत मे भारत लक्ष्य से 21 रन पीछे रह गया और ऑस्ट्रेलिया ने विदेशी धरती पर 13 मैचों के बाद पहले जीत हासिल की। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से रिचर्डसन ने 3 व कूल्टर नाइल ने 2 विकेट लिए जबकि जम्पा और कम्मिन्स ने 1-1 विकेट लिए। भारत की हार का सीरीज पर कोई फर्क नही पड़ा क्योंकि भारत ने पहले तीन मैच जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली है। सीरीज का अंतिम मैच रविवार को नागपुर में खेला जाएगा।

बेंगलुरु वनडे: भारत को मिला 335 रनों का लक्ष्य

सीरीज के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 335 रनों का लक्ष्य रखा है। ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर अच्छी स्थिति में पहुंच कर लड़खड़ा गया। पिछले मैच की ही तरह इस मैच में भी वार्नर और फिंच ने ऑस्ट्रेलिया को ठोस शुरुआत दी। जब लग रहा थी कि ऑस्ट्रेलिया बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब होगी तब भारतीय गेंदबाजों ने मैच में बापस आते हुए ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीन झटके दिए और उसे बडे स्कोर तक जाने से पहले ही रोक दिया हालांकि फिर भी ऑस्ट्रेलिया 300 का आंकड़ा पार करने में कामयाब हो गयी। बेंगलुरु के चेन्नास्वामी में खेले जा रहे सीरीज के चौथे मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी  ऑस्ट्रेलिया की टीम ने डेविड वार्नर (124) और फिंच (94) की मदद से पहले विकेट के लिए 231 रनों की साझेदारी की। इसके बाद टीम इंडिया ने मैच में वापसी करते हुए पहले डेविड वार्नर को जाधव के द्वारा आउट किया उसके बाद उमेश यादव ने स्मिथ (3) और फिंच का विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को मुसीबत में डाल दिया। लेकिन इसके बाद पीटर हैंड्सकॉम्ब (43) और ट्रेविस हेड (29) ने मोर्चा संभाला और टीम को 300 के पार पहुंचाया। हालांकि फिंच केबल 6 रनों से सीरीज में लगतार दूसरे शतक से चूक गए। भारत के लिए उमेश यादव ने 71 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। भारत सीरीज को पहले ही अपने नाम कर चुका है।

कोहली की नजर, जीत के दहले पर

आज टीम इंडिया जब बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का चौथा मैच खेलने उतरेगी तो उसकी नज़र जीत के दहले यानी लगातार 10 वनडे मैच जीतने पर होगी। अगर विराट कोहली की टीम ऐसा करने में कामयाब होती है तो वो ऐसा करने बाली पहली भारतीय टीम होगी। गौरतलब है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में पाकिस्तान से हारने के बाद वेस्टइंडीज दौरे से भारतीय टीम ने लगातार 9 वनडे में जीत दर्ज की है। इससे पहले भी टीम इंडिया धोनी की कप्तानी में लगातार 9 मैच जीत चुकी है। रिकॉर्ड बुक को देखा जाय तो अब तक सिर्फ दो टीमें ही लगातार 10 वनडे मैच में जीत चुकी हैं। 2015 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड ने लगातार 10 मैच जीते हैं जबकि साउथ अफ्रीका की टीम लगातार 12 मैच अपने नाम करके रिकॉर्ड कायम कर चुकी है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया पहले ही सीरीज में 3-0 से अजय बढ़त बनाकर सीरीज पे कब्जा जमा चुकी है लेकिन कोहली के सामने जीत के सिलसिले को कायम रखने की चुनौती होगी लिहाजा टीम में कोई परिवर्तन होना मुश्किल ही नजर आरहा है। कोहली बेंगलुरु में भी विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ ही उतरना पसंद करेंगे लेकिन अगर शिखर धवन की वापसी होती है तो रहाणे या जाधव को अपना स्थान गंवाना पड़ सकता है। जबकि मुश्किलों से घिरी ऑस्ट्रेलिया टीम विदेशी धरती पर लगातार हार के क्रम को तोड़ने की कोशिश जरूर होगी। इसके लिए टीम को एकजुटता दिखानी ही पड़ेगी।

Monday, September 25, 2017

टीम इंडिया विजय रथ पे सवार, फिंच का शतक गया बेकार


टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे वनडे में 5 विकेट से हराकर सीरीज पर 3-0 की अजय बढ़त बना ली है। इंदौर वनडे को जीतकर टीम इंडिया ने एकदिवसीय मैचों की लगातार छठवीं सीरीज में जीत दर्ज की है जबकि विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में भारत को लगातार चौथी सीरीज में जीत दिलायी है। इसके साथ ही विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में लगातार 9 वनडे मैच जीतकर धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली है। इससे पहले भारत ने धोनी की कप्तानी में लगातार 9 वनडे मैच जीतें है।
इंदौर में खेले गए सीरीज के तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 294 रनों का लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत उम्मीद से ज्यादा बेहतर रही। भारत के दोनों ओपनर बल्लेबाज रहाणे (70) और रोहित शर्मा (71) ने पहले विकेट के लिए 21.4 ओवरों में 139 जोड़कर लक्ष्य को बौना साबित कर दिया। इन दोनों बल्लेबाज़ों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर शुरू से ही दबाव बना दिया हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने जल्दी-जल्दी 4 विकेट लेकर इससे उभरने की कोशिश जरूर की लेकिन भारत के उभरते आलराउंडर हार्दिक पंड्या ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को सोचने-समझने का मौका ही नही दिया और जीत को ऑस्ट्रेलिया से बहुत दूर ले गए। हार्दिक पांड्या को आज बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजा गया था और उन्होंने मैच जिताऊ पारी खेलकर टीम मैनेजमेंट के फैसले को सही साबित कर दिया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया को एक मौका मिला था पर स्टीव स्मिथ ने उनका कैच छोड़ दिया जिसका फायदा उठाते हुए पण्डिया ने 78 रन की शानदार पारी खेली और भारत की जीत सुनिश्चित की। इसके अलावा कप्तान कोहली (28) और मनीष पांडे (नाबाद 36) रन ने भी  टीम को अपना अपना योगदान दिया। इससे पहले सीरीज में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। एक समय जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 350 के पार लग रहा था लेकिन अंत मेँ भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 293 रनों पर रोक दिया। चोट के बाद टीम में शामिल हुए फिंच (124) ने बेहतरीन शतक लगाते हुए साथी बल्लेबाज डेविड वार्नर (42) के साथ पहले विकेट के लिए 70 रन और कप्तान स्टीव स्मिथ (63) के साथ दूसरे विकेट के लिए 154 रन की साझेदारी की। एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 224 रन पर एक विकेट था जबकि 13 ओवर का खेल बाकी था। वहाँ से ऑस्ट्रेलिया के विकेट गिरना शुरू हुए जिससे ऑस्ट्रेलिया बड़े स्कोर तक नही जा सका। इंडिया के लिए कुलदीप यादव और बुमराह ने दो दो विकेट और चहल व पांडिया ने एक एक विकेट अपने नाम किया। सीरीज का चौथा मैच 28 सितंबर को बेंगलुरु में खेला जाएगा।


Sunday, September 24, 2017

भारत बना वर्ल्ड टी20 चैंपियन, कहानी दस साल पुरानी


स्पोर्ट्स डेस्क: 4 गेंदे, पाकिस्तान को जीतने के लिए सिर्फ 6 रन की जरूरत, गेंद थी जोगिंदर शर्मा के हाथों में और सामने थे 43 रन बना चुके मिसबाह उल हक। यह दृश्य किस क्रिकेट प्रेमी को याद नही होगा। आज के ऐतिहासिक दिन को शायद ही कोई क्रिकेट प्रशंसक भूल सकता है। जी हां भारत और पाकिस्तान के बीच पहले टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच आज से ठीक 10 साल पहले 24 सितंबर 2007 को साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में खेला गया था। इस मैच में पाकिस्तानी टीम को जीतने के लिए सिर्फ 6 रन की जरूरत थी जबकि भारत को सिर्फ एक विकेट की ही तलाश थी ऐसे में मिस्बाह उल हक द्वारा खेला गया एक शॉट फाइन लेग पर खड़े श्री संत के सीधा हाथों में चला गया और भारत बन गया था टी20 क्रिकेट का चैंपियन।
जब 2007 में पहली बार किसी टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा था तब किसी ने यह नही सोचा था कि भारत सेमीफाइनल में भी जगह बना पायेगा। भारत उस वर्ल्ड कप में बेहद कमजोर टीम माना जा रहा था इसका कारण था 6 महीने पहले वेस्टइंडीज में हुए 50 ओवर के वर्ल्ड कप मे भारतीय टीम का प्रदर्शन। इस वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया राहुल द्रविड़ की कप्तानी और सचिन, सहवाग, गांगुली और युवराज जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गया था। इसके बाद राहुल द्रविड़ ने अपनी कप्तानी से इस्तीफा दे दिया और फिर 6 महीनों बाद जब पहले टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम चुनी जा रही थी तब सेलेक्टरों के लिए सबसे बड़ा सबाल था कि टीम का कप्तान किसे बनाया जाए। लेकिन सचिन तेंदुलकर के सुझाव के बाद एक युवा खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी को वर्ल्ड कप की टी20 टीम का कप्तान बना दिया गया। लेकिन किसी को क्या पता था कि सचिन ने धोनी को कप्तान नही बनाया बल्कि उनके द्वारा भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत हो चुकी है।
पहले टी20 वर्ल्ड कप में भारत को अपना पहला मैच ने कमजोर विपक्षी स्कॉटलैंड के खिलाफ खेलना था लेकिन यह मैच खेला नही जा सका जिसके बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अपने दूसरे मैच में जीतना बेहद जरूरी हो गया। उस मैच की हार भारत को वर्ल्ड कप से बाहर कर सकती थी। पर इस मैच में भारत ने रॉबिन उथप्पा (50) के अर्धशतक की बदौलत पाकिस्तान को 142 रनों का लक्ष्य दिया। जबाब में पाकिस्तान की टीम भी मिसबाह उल हक के शानदार 53 रनों की बदौलत 141 रन ही बना पायी जिससे मैच टाई हो गया। जिसके बाद पहली बार मैच का फैसला बॉल आउट से हुआ। भारत के लिए रॉबिन उथप्पा, हरभजन सिंह और सहवाग विकेट पर थ्रो करने में कामयाब रहे जबकि पाकिस्तान की तरफ से कोई भी खिलाड़ी विकेट पर गेंद नही मार सका, इस तरह भारत ने ये मैच 3-0 (बॉल आउट) से जीत लिया। तीसरे मैच में भारत का सामना हुआ न्यूज़ीलैंड की टीम से, न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने जीत के लिए 191 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा। टीम इंडिया जब लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो गौतम गंभीर (51) और सहवाग (40) ने टीम को अच्छी शुरुआत दी, लगा की भारतीय टीम आसानी से जीत जाएगी लेकिन इन दोनों के आउट होने के बाद कोई भी खिलाड़ी भारत को लक्ष्य तक नही पहुंचा सका। नतीजतन भारत मैच 10 रन से हार गया। इस हार के बाद लगा कि टीम इंडिया सेमीफाइनल में नही पहुंच पाएगी लेकिन धोनी की युवा टीम ने अपने अगले मैच में धमाकेदार प्रदर्शन से बता दिया कि अभी वर्ल्ड कप खत्म नही हुआ है। इंग्लैंड के खिलाफ अगले मैच में भारत ने विरेन्द्र सहवाग (68) और गंभीर (58) की 136 रनों की साझेदारी और युवराज (58) के एक ओवर में 6 छक्कों की मदद से 218 रन बनाये। जबाब में इंग्लैंड की पूरी टीम ने अपना योगदान दिया लेकिन कोई भी खिलाड़ी लंबी पारी खेलकर इंग्लैंड को जीत नही दिला सका। यह मैच भारत ने 18 रनों से जीता। अगले मैच में भारत का सामना था मजबूत साउथ अफ्रीका की टीम से। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए रोहित शर्मा (50) और धोनी (45) की मदद से 153 रन बनाए। जबाब में अफ्रीकी टीम आर पी सिंह (4/13) की घातक गेंदबाजी के आगे कुल 116 रन ही बना सका। 37 रन से मैच जीतकर भारत सेमीफाइनल में पहुंच चुका था। सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला होना था उस समय की सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया से। माना जा रहा था कि टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने घुटने टेंक देगी लेकिन धोनी की युवा टीम की नजर तो वर्ल्ड कप उठाने पर थी। फिर जो हुआ वो पूरे क्रिकेट जगत ने देखा। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 188 रन बनाए। मैच में युवराज सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की बखिया उधेड़ते हुए 30 गेंदों में 70 रनों की लाजबाब पारी खेली। जबाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जीत की तरफ कदम रख दिये थे लेकिन श्री संत के एक स्पेल ने पूरी बाजी ही पलट दी। खतरनाक दिख रहे हेडन (62) को बोल्ड करने से पहले उन्होंने गिलक्रिस्ट को भी बोल्ड किया था। अच्छी शुरुआत के बाबजूद अंत मे ऑस्ट्रेलिया के कदम लड़खड़ा गए और टीम 173 रनों पर सिमटकर 15 रनों से मैच हार गयी। इस तरह भारत ने पहले टी20 वर्ल्ड के फाइनल में जगह बना ली। खिताबी मुकाबला भारत के लिए बिल्कुल भी आसान नही होने वाला था। एक तो वर्ल्ड कप का फाइनल और दूसरा सामने थी पाकिस्तान की टीम। लिहाजा जोहानसबर्ग के वाण्डरर्स मैदान पर दो परंपरागत प्रतिदवंद्वियों के बीच पहले टी-20 विश्व कप का खिताबी मुकाबला था और दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें भी इस मैच पर थी। इस मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गौतम गंभीर के शानदार 75 रनों की बदौलत भारत ने पांच विकटे के नुकसान पर 157 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम 10 विकेट के नुसकान पर 152 रन ही बना सकी। इस मैच को भारतीय टीम ने पांच रनों से जीत लिया था। हालांकि एक समय ऐसा लग रहा था कि मिस्बाह उल हक की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत पाकिस्तान ये मैच जीत लेगा। मिस्बाह उल हक शानदार बल्लेबाजी से पाकिस्तान को जीत के करीब ले आए और टीम को 4 गेंदों में 6 रन चाहिए थे। जोगिंदर सिंह द्वारा ऑफ स्टंप के बाहर डाली गई गेंद को मिस्बाह ने बाहर की तरफ निकलकर फाइन लेग पर जोखिम भरा स्कूप शॉट खेला, लेकिन गेंद हवा में उछली और शॉर्ट फाइन लेग पर श्रीसंत ने आसान कैच लपका। जिसके साथ ही 24 सितंबर का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया।। महेंद्रसिंह धौनी के युवा ब्रिगेड ने पाकिस्तान को 5 रनों से हराकर पहले टी-20 विश्व कप पर अधिकार जमाया। आज इस जीत को दस साल हो चुके हैं लेकिन इस मैच की यादें हर क्रिकेट प्रेमी के दिल मे हैं।

इंदौर वनडे: ऑस्ट्रेलिया ने दिया भारत को 294 रनों के लक्ष्य, फिंच ने लगाया शतक

इंदौर में खेले जा सीरीज के तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 294 रनों का लक्ष्य दिया है। जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 350 के पार लग रहा था लेकिन अंत मेँ भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 293 रनों पर रोक दिया। इससे पहले सीरीज में पहली बार ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। चोट के बाद टीम में शामिल हुए फिंच (124) ने बेहतरीन शतक लगाते हुए साथी बल्लेबाज डेविड वार्नर (42) के साथ पहले विकेट के लिए 70 रन और कप्तान स्टीव स्मिथ (63) के साथ दूसरे विकेट के लिए 154 रन की साझेदारी की। एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 224 रन पर एक विकेट था जबकि 13 ओवर का खेल बाकी था। वहाँ से ऑस्ट्रेलिया के विकेट गिरना शुरू हुए जिससे ऑस्ट्रेलिया बड़े स्कोर तक नही जा सका। इंडिया के लिए कुलदीप यादव और बुमराह ने दो दो विकेट और चहल व पांडिया ने एक एक विकेट अपने नाम किया। सीरीज में भारत 2-0 से आगे है जबकि ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में बने रहने के लिए ये मैच जीतना बहुत जरूरी है।

22 गज भूमी... खबरे क्रिकेट की: भारत बना वर्ल्ड टी20 चैंपियन, कहानी दस साल पुरानी

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Saturday, September 23, 2017

तीसरे मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया को मिली राहत, फिर भी टीम इंडिया का पलड़ा भारी


भारत दौरे पर आयी ऑस्ट्रेलियाई टीम के ऊपर सीरीज में हार का ख़तरा मंडरा रहा है लेकिन इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए एक अच्छी खबर आई है। टीम के विस्फोटक बल्लेबाज आरोन फिंच टीम इंडिया के खिलाफ इंदौर में होने वाले तीसरे वनडे मैच में खेल सकते हैं। बता दें कि वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में फिंच मांसपेशियों में खिंचाव के कारण नहीं खेल पाए था जिसका खामियाजा ऑस्ट्रेलिया टीम को हारकर भुगतना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया, इंदौर वनडे में आरोन फिंच की वापसी को लेकर बेताब है। फिंच ने शनिवार को इंदौर वनडे से पहले नेट्स पर अभ्यास भी किया। फिंच के जोड़ीदार डेविड वॉर्नर ने भी उम्मीद जताई कि फिंच रविवार को उनके साथ पारी का आगाज करने के लिए फिट हो जाएंगे। ऑस्ट्रेलियाई टीम में फिंच की वापसी से ऑस्ट्रेलियाई ओपनिंग जोड़ी और मजबूत हो जाएगी क्योंकि डेविड वॉर्नर के साथ उनके नए ओपनिंग पार्टनर हिल्टन कार्टराइट टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पा रहे है। पहले दो वनडे मैचों में हिल्टन कार्टराइट का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। कार्टराइट ने दो वनडे मैचों में 2 रन ही बनाए हैं।
भारत की बात करें तो शुरूआती दो मैचों की तरह इंदौर वनडे में भी उसका पलड़ा भारी है। इस सीरीज में 2-0 की बढ़त दिलाने में उसके बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण का खास योगदान है। दोनों मैचों में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को आसान लक्ष्य से वंचित रखा है। ऑस्ट्रेलिया को खासकर भारत के दो स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को खेलने में परेशानी हो रही है। कुलदीप-चहल ने मिलकर सीरीज में अब तक कुल 10 विकेट अपने नाम किए हैं। कुलदीप ने कोलकाता में खेले गए दूसरे मैच में हैट्रिक भी ली थी। वहीं भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने भी अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। यह दोनों शुरुआती ओवरों में टीम को सफलता दिलाते हैं और अंतिम के ओवरों में रन बचाते हैं। ऐसे में कप्तान विराट कोहली एक बार फिर अपनी गेंदबाजी पर ज्यादा निर्भर रहेंगे। अगर बल्लेबाजी की बात करें तो यहाँ भारत के लिए थोड़ा सोचने की जरूरत है क्योंकि बल्लेबाजों ने शुरुआती दो मैचों में निराश किया है। पहले मैच में महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पंड्या ने टीम को जैसे तैसे बचाया तो दूसरे मैच में कोहली और अजिंक्य रहाणे के अलावा कोई और बल्लेबाज पिच पर ज्यादा देर नही टिक सका। शिखर धवन के जाने के बाद रोहित शर्मा, केदार जाधव, मनीष पांडे के बल्लों का खामोश रहना टीम की परेशानी है। लेकिन कोहली और शास्त्री इंदौर वनडे में किसी तरह के फेरबदल टीम में शायद ही पसंद करें। उधर ऑस्ट्रेलिया के लिए भी एक तरह से बल्लेबाजों का ना चल पाना सबसे बड़ी चिंता है। दोनों मैचों में उसके गेंदबाजों ने तो अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन बल्लेबाज आसान से लक्ष्य के सामने ढेर हो गए। वॉर्नर बल्ले से नाकाम रहे हैं। टीम के लिए वॉर्नर का चलना बेहद जरुरी हो गया है। सीरीज में वापसी के लिए ऑस्ट्रेलिया को हर हाल में यह मैच जीतना होगा। पिछले मैच में कप्तान स्टीव स्मिथ और मार्कस स्टोइनिस ने जरूर अर्धशतक जड़े थे, लेकिन वह टीम को जीत दिलाने के लिए नाकाफी थे।

इंदौर में सीरीज जीतने के इरादे से खेलेगा भारत


भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा मैच कल इंदौर में खेला जाएगा। शुरुआती दोनों मैच जीतकर भारत सीरीज में 2-0 की बढ़त बना चुका है। अब भारत की नजरें तीसरे वनडे में कंगारुओं को मात देकर सीरीज में 3-0 से अजेय बढ़त हासिल करने पर होगी। अगर भारत मैच जीतने में कामयाब होता है तो यह विराट की कप्तानी में लगातार चौथी वनडे सीरीज जीत होगी। गौरतलब है विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया ने इंग्लैंड को घरेलू वनडे सीरीज में 2-1 से हराया था, उसके बाद वेस्टइंडीज को उनके ही घर में 3-1 से मात दी, फिर भारत ने श्रीलंका का भी उसी के मैदान पर 5-0 से सफाया किया था और अब इंदौर में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विराट ब्रिगेड के पास लगातार चौथी वनडे सीरीज जीतने का सुनहरा मौका है।